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7. मेरी माँ ने बहुत ही प्यार से,

7. मेरी माँ ने बहुत ही प्यार से,
आँखों में लगाया था काजल!
हाथों में लगाई थी मेंहदी, 
पांव में सजाई थी पायल।

मैं आज भी जब वो याद करूं
बस अश्क से अपनी आँख भरूं।
माँ जैसा कोई और  नही,
ये बात समझते ना थे कल।

मैं उसकी अकेली बिटिया थी, 
जी जान से जिसको चाहा था!
हर बार मुझे वो करती माफ़,
मेरे प्यार में जैसे थी पागल।

हर  बात  पे  देती  मंजूरी,
सब ख़्वाहिश करती वो पूरी!
मेरी सारी मुश्किल को वो,
पल में ही बस कर देती हल।

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_९८०७

# आधे अधूरे मिसरे / प्रसिद्ध पंक्तियां 

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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